Dr. Manmohan Singh’s Death Marks the End of an Era in Indian Politics
Dr. Manmohan Singh’s Death: भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों के महान नेता का अंत
Dr. Manmohan Singh’s Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन आज दिल्ली के AIIMS अस्पताल में हो गया। वह 92 वर्ष के थे और 9:51 बजे शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, और हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर पहले रॉबर्ट वाड्रा ने सोशल मीडिया पर दी, जिसके बाद AIIMS ने एक मेडिकल बुलेटिन जारी कर इस खबर की पुष्टि की।
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक: मनमोहन सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का भारतीय राजनीति में अहम स्थान हमेशा रहेगा। 1991 में, जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, डॉ. सिंह ने पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था को संजीवनी दी। उनका नेतृत्व भारतीय अर्थव्यवस्था को समाजवादी नीति से मुक्त कर वैश्वीकरण और उदारीकरण की ओर ले गया। यह कदम भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा करने में सहायक साबित हुआ। उन्होंने आर्थिक सुधारों की नींव रखी, जिनका प्रभाव आज भी भारत की अर्थव्यवस्था में महसूस किया जाता है।
शांतिकारक और गरिमामय नेतृत्व
डॉ. मनमोहन सिंह को उनके शांतिकारक नेतृत्व के लिए जाना जाता है। वह हमेशा अपनी नीतियों और कार्यों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करते रहे, लेकिन कभी भी स्वयं को प्रचार का हिस्सा नहीं बनाया। उनका विश्वास था कि कार्य बोलते हैं, और यही कारण था कि वे हमेशा सादगी और स्थिरता का प्रतीक रहे। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक वृद्धि देखी, बल्कि दुनिया में अपनी एक नई पहचान भी बनाई।

शैक्षिक जीवन और सार्वजनिक सेवा का सफर
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से प्राप्त की, और इसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका शैक्षिक जीवन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार बना। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभावित किया।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई
मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जैसे कि वित्त मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, और रिजर्व बैंक के गवर्नर। उनका योगदान वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया। वह संयुक्त राष्ट्र के व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) और दक्षिण आयोग के सचिवालय में भी कार्यरत रहे, जहां उनकी विशेषज्ञता को पूरे दुनिया ने पहचाना।
भारत और दुनिया के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “डॉ. सिंह का योगदान हमेशा भारतीय राजनीति और समाज में रहेगा। उनकी नीतियां और मार्गदर्शन हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहेंगे।”
अंतिम क्षणों में भी शांति और गरिमा
मनमोहन सिंह की अंतिम तस्वीर अस्पताल में सामने आई, जिसमें वह अपनी स्थिरता और गरिमा के साथ दिखे। यह उनकी शांति और संयम का प्रतीक थी, जो उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी में निभाया। उनका जीवन हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि कैसे एक नेता अपने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाता है।
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