Who is Usha Chilukuri Vance
Who is Usha Chilukuri Vance: जेडी वांस की पत्नी और डोनाल्ड ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
Who is Usha Chilukuri Vance: उषा चिलुकुरी वांस, जेडी वांस की पत्नी, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना है, अपने भारतीय मूल और प्रभावशाली कानूनी करियर के कारण काफी ध्यान आकर्षित कर रही हैं। भारतीय प्रवासियों की बेटी उषा वांस ने यूनाइटेड स्टेट्स के येल विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक और केंब्रिज विश्वविद्यालय से दार्शनिक में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है।
उषा वांस की कानूनी और शैक्षिक उपलब्धियां
उषा वांस एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कंपनी में एक प्रख्यात वकील हैं। उनका कानूनी करियर सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीशों, जैसे कि ब्रेट कवानो और जॉन रॉबर्ट्स के लिए क्लर्क के रूप में काम करने सहित कई उपलब्धियों से भरा है। उन्होंने येल जर्नल ऑफ लॉ एंड टेक्नोलॉजी के प्रबंध संपादक और द येल लॉ जर्नल के कार्यकारी विकास संपादक जैसी प्रतिष्ठित भूमिकाएं भी निभाई हैं।
उषा वांस का शुरुआती जीवन और मूल्य
सैन डिएगो के एक उपनगर में पली-बढ़ी उषा वांस को कड़ी मेहनत और शिक्षा के मूल्यों का संचार किया गया था। केंब्रिज में गेट्स स्कॉलर के रूप में, उन्होंने विभिन्न बौद्धिक वर्गों के साथ संवाद किया। 2014 तक वह एक पंजीकृत डेमोक्रेट थीं।
उषा और जेडी वांस की कहानी
उषा और जेडी वांस ने येल लॉ स्कूल में एक-दूसरे से मुलाकात की और 2014 में केंटुकी में शादी की। एक हिंदू पुजारी ने अलग से एक समारोह का आयोजन किया। उनके तीन बच्चे हैं और उषा अपने पति के पेशेवर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उषा वांस का जेडी वांस के कार्य पर प्रभाव
उषा वांस ने जेडी वांस के ग्रामीण श्वेत अमेरिकी अनुभव पर उनके दृष्टिकोण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने उनके प्रसिद्ध मेमोयर “हिलबिली इलेजी” को प्रेरित किया, जिसे बाद में रॉन हॉवर्ड द्वारा निर्देशित एक फिल्म में अनुकूलित किया गया।
डोनाल्ड ट्रंप का चयन और उषा की भूमिका
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जेडी वांस को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना जाना अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में काफी ध्यान आकर्षित कर रहा है। प्रमुख अमेरिकी व्यवसायी और रियल एस्टेट निवेशक एआई मेसन ने इस चयन पर चर्चा करते हुए उषा वांस की कानूनी विशेषज्ञता और सांस्कृतिक विरासत को प्रशंसा की, जिससे वह अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने में सक्षम हो सकती हैं।